गणतंत्र की नाद
मनमोहक यह विश्व पटल पर भारत देश महान है
हमसब का इस लोकतंत्र के मंदिर को प्रणाम है |
गणतंत्र यह राष्ट्र हमारा धर्मनिरपेक्ष यह देश है
जिसकी रग रग में दौड़े माँ भारती का संदेश है |
समता है इसकी पहचान संविधान है इसकी जान
२६ जनवरी है वह दिन जब मिला हमें यह सम्मान |
महावीर बुद्ध बापू और रैदास थे अहिंसा के पुजारी
जिनके पद्चिन्हों पर चलकर भारत बना शांतिधारी |
हैं वह देश हम जो कभी प्रहार नहीं करते हैं
पर धमकाने वालों को सपने देते भारी हैं |
लोकतंत्र के इस मंदिर में गणतंत्र हम गाते हैं
भूमंडल में गणतंत्र की नाद हम सुनाते हैं |
नाद हम सुनाते हैं |
मुकेश अग्रवाल
14.01.2024